भगवान शिव की अर्ध परिक्रमा ही करनी चाहिए?
भगवान शिव की अर्ध परिक्रमा ही करनी चाहिए ? शिवजी की आधी परिक्रमा करने का विधान है। वह इसलिए की शिव के सोमसूत्र को लांघा नहीं जाता है। जब व्यक्ति आधी परिक्रमा करता है तो उसे चंद्राकार परिक्रमा कहते हैं। शिवलिंग को ज्योति माना गया है और उसके आसपास के क्षेत्र को चंद्र। आपने आसमान में अर्ध चंद्र के ऊपर एक शुक्र तारा देखा होगा। यह शिवलिंग उसका ही प्रतीक नहीं है बल्कि संपूर्ण ब्रह्मांड ज्योतिर्लिंग के ही समान है। '' अर्द्ध सोमसूत्रांतमित्यर्थ : शिव प्रदक्षिणीकुर्वन सोमसूत्र न लंघयेत ।। इति वाचनान्तरात। '' -- सोमसूत्र : शिवलिंग की निर्मली को सोमसूत्र की कहा जाता है। शास्त्र का आदेश है कि शंकर भगवान की प्रदक्षिणा में सोमसूत्र का उल्लंघन नहीं करना चाहिए , अन्यथा दोष लगता है। सोमसूत्र की व्याख्या करते हुए बताया गया है कि भगवान को चढ़ाया गया जल जिस ओर से गिरता है , वहीं सोमसूत्र का स्थान होता है।। ।।।।।श्री निम्बार्क ज...