विष्णुपुर, बाँकुड़ा

 

One of the prides of Bishnupur (the city of God Vishnu) in West Bengal. This Temple is astonishing in its structural pattern, Famous for high-class terracotta decoration. The terracotta relief panels are decorated with scenes from the Ramayana, Mahabharata & Krishna-Lila. The Shyama Raya Temple, built by Raghunath Singha in 1643 AD. Bishnupur was the capital of the Malla dynasty of eastern India. They were ardent followers of Vaishnavism, and the Temples of Bishnupur were instrumental in consolidating the Gaudiya Vaishnava community of Bengal.

विष्णुपुर, बाँकुड़ा

बिष्णुपुर को मणिपुर की सांस्कृतिक और धार्मिक राजधानी कहते हैं। यह ऐसी जगह है जहाँ भगवान विष्णु रहते हैं, जो डोम के आकार के टेराकोटा मंदिर से घिरा है और यहाँ पर प्रसिद्द नाचने वाले हिरण, संगाई भी पाए जाते हैं। इन सब की मौजूदगी में बिष्णुपुर किसी स्वर्ग से कम नहीं लगता।

विष्णुपुर (Bishnupur) भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के बाँकुड़ा ज़िले में स्थित एक शहर है। राष्ट्रीय राजमार्ग १४ यहाँ से गुज़रता है।

विवरण

विष्णुपुर एक प्रसिद्ध शहर है। कभी मल्ल राजाओं की राजधानी रहा बांकुड़ा (पश्चिम बंगाल) का विष्णुपुर शहर टेराकोटा के मंदिरोंबालूचरी साड़ियों  पीतल की सजावटी वस्तुओं के अलावा हर साल दिसंबर के आखिरी सप्ताह में लगने वाले मेले के लिए भी मशहूर है। यह मेला कला संस्कृति का अनोखा संगम है। यहां दूर-दूर से अपना हुनर दिखाने कलाकार आते हैं तो उनकी कला के पारखी पर्यटक भी आते हैं। साल के आखिरी सप्ताह के दौरान पूरा शहर उत्सव के रंगों में रंग जाता है। मल्ल राजाओं के नाम पर इसे 'मल्लभूमि' भी कहा जाता था। यहां लगभग एक हजार वर्षों तक इन राजाओं का शासन रहा। उस दौरान विष्णुपुर में टेराकोटा हस्तकला को तो बढ़ावा मिला ही, भारतीय शास्त्रीय संगीत का विष्णुपुर घराना भी काफी फला-फूला। वैष्णव धर्म के अनुयायी इन मल्ल राजाओं ने 17वीं 18वीं सदी में जो मशहूर टेराकोटा मंदिर बनवाए थे, वे आज भी शान से सिर उठाए खड़े हैं। यहां के मंदिर बंगाल की वास्तुकला की जीती-जागती मिसाल हैं।


पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से कोई दो सौ किमी दूर बसा यह शहर राज्य के प्रमुख पर्यटनस्थलों में शामिल है। खासकर मेले के दौरान तो यहां काफी भीड़ जुटती है। मल्ल राजा वीर हंबीर और उनके उत्तराधिकारियों- राजा रघुनाथ सिंघा वीर सिंघा ने विष्णुपुर को तत्कालीन बंगाल का प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। शहर के ज्यादातर मंदिर भी उसी दौरान बनवाए गए।


यहां स्थित रासमंच पिरामिड की शक्ल में ईंटों से बना सबसे पुराना मंदिर है। 16वीं सदी में राजा वीर हंबीरा ने इसका निर्माण कराया था। उस समय रास उत्सव के दौरान पूरे शहर की मूर्तियां इसी मंदिर में लाकर रख दी जाती थीं और दूर-दूर से लोग इनको देखने के लिए उमड़ पड़ते थे। इस मंदिर में टेराकोटा की सजावट की गई है जो आज भी पर्यटकों को लुभाती है। इसकी दीवारों पर रामायणमहाभारत  पुराणों के श्लोक खुदाई के जरिए लिखे गए हैं। इसी तरह 17वीं सदी में राजा रघुनाथ सिंघा के बनवाए जोरबंगला मंदिर में भी टेराकोटा की खुदाई की गई है। शहर में इस तरह के इतने मंदिर हैं कि इसे मंदिरों का शहर भी कहा जा सकता है।


टेराकोटा विष्णुपुर की पहचान है। यहां इससे बने बर्तनों के अलावा सजावट की चीजें भी मिलती हैं। मेले में तो एक सिरे से यही दुकानें नजर आती हैं। इसके अलावा पीतल के बने सामान भी यहां खूब बनते बिकते हैं। इन चीजों के अलावा यहां बनी बालूचरी साड़ियां देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर हैं। इन साड़ियों पर महाभारत रामायण के दृश्यों के अलावा कई अन्य दृश्य कढ़ाई के जरिए उकेरे जाते हैं। बालूचरी साड़ियां किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इन साड़ियों ने अपनी अलग पहचान कायम की है।


पश्चिम बंगाल में स्थिति

सूचना

प्रांत  देश: बाँकुड़ा ज़िला, पश्चिम बंगालभारत

जनसंख्या (2011): 67783

मुख्य भाषा(एँ): बंगाली

निर्देशांक: 23.08°N 87.32°E

 

Comments

  1. अद्भुत ,अतुलनीय भारतीय विरासत

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

जानिए सिद्ध कुंजिका मंत्र, मंत्र के लाभ, अभ्यास की विधि|

आप केवल इतना भर जानते हैं कि चक्रव्यूह में #अभिमन्यु मारा गया था चक्रव्यूह में #अभिमन्यु मारा गया था

Shree Pretraj Sarkar Ji