सावन मास में पड़ने वाली अमावस्या
Sawan 2021 Hariyali Amavasya: हरियाली अमावस्या के दिन ऐसे करें पूजा- अर्चना, यहां देखें पूजा का शुभ समय
Sawan 2021 Hariyali Amavasya: सावन मास में पड़ने वाली अमावस्या को हरियाली एकादशी के नाम से जाना जाता है। हर माह में कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या के नाम से जाना जाता है। सावन मास में 8 अगस्त, रविवार को हरियाली अमावस्या है। इस दिन का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है। हरियाली अमावस्या के दिन पेड़- पौधों की पूजा करनी चाहिए। पेड़- पौधों की पूजा करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान का भी बहुत अधिक महत्व होता है। इस समय कोरोना वायरस की वजह से घर में रहना ही सुरक्षित है। नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर, मां गंगा का ध्यान करें और फिर स्नान कर लें।
इस दिन ऐसे करें पूजा- अर्चना-
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सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन पवित्र नदी या सरवोर में स्नान करने का महत्व बहुत अधिक होता है, लेकिन इस समय कोरोना वायरस की वजह से घर से बाहर जाने से बचें। इस समय घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
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स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
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सूर्य देव को अर्घ्य दें।
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अगर आप उपवास रख सकते हैं तो इस दिन उपवास भी रखें।
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इस दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए।
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पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें।
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इस पावन दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
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इस पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है।
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इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना भी करें।
पीपल की पूजा का विशेष महत्व
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धार्मिक पुराणों के अनुसार पीपल के पेड़े में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। इस पावन दिन पीपल की पूजा जरूर करें।
तुलसी का पूजन करने से मिलता है शुभ फल
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हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का बहुत अधिक महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी भगवान विष्णु को अतिप्रिय होती है। इस पावन दिन मां तुलसी की पूजा भी करें। मां तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
इस दिन जरूर लगाएं पेड़- पौधे
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हरियाली अमावस्या के पावन दिन पेड़- पौधे लगाने का भी विशेष महत्व होता है। इस पावन दिन पेड़- पौधे लगाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
पूजा का शुभ समय-
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ब्रह्म मुहूर्त - 04:21 ए एम से 05:04 ए एम
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अभिजित मुहूर्त - 12:00 पी एम से 12:53 पी एम
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विजय मुहूर्त - 02:40 पी एम से 03:33 पी एम
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गोधूलि मुहूर्त - 06:53 पी एम से 07:17 पी एम
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रवि पुष्य योग - 05:46 ए एम से 09:19 ए एम
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सर्वार्थ सिद्धि योग - 05:46 ए एम से 09:19 ए एम
Sawan or Hariyali Amavasya 2021: श्रावणी अमावस्या पर रवि पुष्य नक्षत्र का संयोग, मिलेगा सुख-सौभाग्य
श्रावण माह की अमावस्या 8 अगस्त 2021, रविवार को आ रही है। यह हरियाली अमावस्या के नाम से विख्यात है। आश्विन माह में आने वाली सर्वपितृ अमावस्या की तरह ही श्रावणी अमावस्या भी पितरों को मोक्ष देने वाली और बुरे ग्रहों की पीड़ा से मुक्ति दिलाने वाली होती है। इस अमावस्या के दिन शनि के आधिपत्य वाला रवि पुष्य नक्षत्र भी है। इसलिए इस दिन दान-पुण्य, गरीबों, पशु-पक्षियों की सेवा से विशेष सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
श्रावणी अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त यदि पिंड दान, तर्पण, पितृ पूजा, नारायण बली पूजा, नाग बली पूजा, कालसर्प दोष मुक्ति पूजा, शनि शांति निवारण पूजा, शनि शांति हवन, नवग्रह शांति हवन करवाया जाए तो जीवन के अनेक कष्टों से मुक्ति आसानी से पाई जा सकती है।
क्या करना चाहिए हरियाली अमावस्या के दिन पवित्र नदी में जल से स्नान करके, उसके किनारे बैठकर पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान, श्राद्धकर्म करवाने से पितरों को शांति मिलती है। यह कर्म करने के बाद पितरों के नाम से गरीबों को भोजन करवाएं, गाय को चारा खिलाएं, गरीबों को वस्त्र आदि भेंट करें। श्रावणी अमावस्या के दिन दोपहर 12 बजे के पूर्व पीपल के पेड़ की 21 परिक्रमा करते हुए जल अर्पित करें। पेड़ का पूजन कर मौली के 21 फेरे लपेटें। सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के नीचे आटे से पांच दीपक बनाकर प्रज्ज्वलित करें। इससे धन संबंधी समस्या समाप्त होती है। अमावस्या के दिन दृष्टिहीन, अपंग, मंदबुद्धि, अंग-भंग हुए लोगों को वस्त्र भोजन भेंट करें। इससे जीवन में आने वाले संकटों से रक्षा होती है। हरियाली अमावस्या की रात्रि में किसी नदी, तालाब में दीपदान करना चाहिए। इससे पितृदोष से मुक्ति मिलती है। हरियाली-श्रावणी अमावस्या के दिन भगवान शिव का तिल से अभिषेक करने से कालसर्प दोष और शनि के दोष से मुक्ति मिलती है। इस अमावस्या के दिन पुष्य नक्षत्र भी है। इसलिए रात्रि में अपने घर की तिजोरी में धन की पूजा करें और तिजोरी को बंद करके उसके ऊपर रात भर जलने वाली दीपक रखें। इससे धन के भंडार भरने लगते हैं। श्रावणी अमावस्या की रात्रि में किसी निर्जन स्थान के शिव मंदिर में अखंड दीपक प्रज्ज्वलित करें। इससे समस्त मनोकामना पूरी होती है। अक्षय संपत्ति के भंडार भरने लगते हैं। अमावस्या के दिन रुद्राभिषेक करने से जीवन के संकटों का समाधान होता है।
Sawan Amavasya: आठ अगस्त को हरियाली अमावस्या, जानिए इस दिन पौधे लगाने का क्या है विशेष महत्व
सावन अमावस्या या
हरियाली अमवस्या आठ
अगस्त
को है। ऐसी
मान्यता
है कि चातुर्मास में भगवान विष्णु शयन
करते हैं। ऐसे में
संपूर्ण पृथ्वी की बागडोर भगवान शंकर के हाथों में सौंप देते हैं
और माता पार्वती के साथ
भोले शंकर पृथ्वी का
भ्रमण करते हैं।
हिंदू धर्म में सावन माह का विशेष धार्मिक महत्व है। सावन का माह 25 जुलाई से आरंभ हो चुका है। यह माह भगवान शिव का महीना माना जाता है, और पूरे माह भगवान भोलेनाथ की पूजा उपासना की जाती है। चातुर्मास चल रहा है सावन का महीना चातुर्मास का पहला महीना है। ऐसी मान्यता है कि चातुर्मास में भगवान विष्णु शयन करते हैं। ऐसे में संपूर्ण पृथ्वी की बागडोर भगवान शंकर के हाथों में सौंप देते हैं और माता पार्वती के साथ भोले शंकर पृथ्वी का भ्रमण करते हैं। सावन माह में सोमवार व्रत और प्रदोष व्रत का विशेष महत्व भी माना जाता है।
श्रावण अमावस्या के दिन पौधे लगाने का विशेष महत्व
श्रावण अमावस्या को हरियाली अमावस्या और सावन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। हरियाली अमावस्या पितृ पूजा, पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म के लिए भी उत्तम है। इसके अलावा इस दिन पौधे लगाना भी अच्छा माना जाता है। हरियाली अमावस्या पर पीपल और तुलसी की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन आम, आंवला, पीपल, बरगद और नीम के पौधे लगाने से सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। यह भी माना जाता है कि इस दिन के पौधे लगाने से पौधे की भांति ही आपकी भी वृद्धि होती है।
Wow very important
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