नहीं जानते होंगे शंख के इतने सारे फायदे

 

शास्त्रों के अनुसारशंख बजाने से सुख-समृद्धि सहित कई अन्य लाभ होते हैं वहीं दूसरी ओर इसकी ध्वनि से कई बीमारियां भी दूर होती हैं। कोरोना काल में अगर अपने फेफड़ों की सेहत बेहतर रखना चाहते हैं तो शंखनाद का प्रयोग कर सकते हैं। शंख बजाने से फेफड़ों को फायदा मिलता है।

नहीं जानते होंगे शंख के इतने सारे फायदे, घर में इस तरह रखते ही होने लगते हैं चमत्‍कार

घर में शंख (Conch) रखने के ढेरों फायदे हैं. इससे वास्‍तु दोष (Vastu Dosh) दूर होते हैं और कई बीमारियों (Diseases) से भी निजात मिलती है. 

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ में शंख (Conch) के उपयोग का बहुत महत्‍व है. कई घरों में तो पूजा के बाद रोजाना शंख बजाया जाता है. शंख बजाने से पूरे माहौल में सकारात्‍मकता (Positivity) आती है. लेकिन ये बात कम ही लोग जानते हैं कि शंख के और भी कई फायदे (Benefits of Conch) हैं, जो कि न केवल पूजा-पाठ बल्कि हमारी सेहत और धन से भी जुड़े हुए हैं. यहां तक कि कुछ फायदे तो चमत्‍कारिक हैं. आइए जानते हैं समुद्र मंथन से निकले शंख को घर में रखने से कितने फायदे होते हैं. 

बहुत काम का है शंख 

- शंख एक ऐसी चीज है जिसे भगवान विष्‍णु (Lord Vishnu) और माता लक्ष्‍मी (Mata Laxmi) दोनों ही धारण करते हैं. जिस घर में शंख होता है, वहां इन दोनों भगवान की कृपा रहती है. 

- धनवान (Rich) बनने के लिए तो शंख बहुत काम का है क्‍योंकि माता लक्ष्‍मी को शंख बेहद प्रिय है शुक्रवार के दिन लक्ष्‍मी जी की पूजा करके शंख बजाने से घर में सुख-समृद्धि आती है. 

- शंख में जल भरकर माता लक्ष्‍मी और शिवलिंग का अभिषेक करने से वे प्रसन्‍न होते हैं और सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. 

- घर की नकारात्‍मकता दूर करने के लिए शंख में जल भरकर पूरे घर में छिड़कें. 

- शंख बजाने से फेफड़े मजबूत होते हैं. यदि अस्‍थमा के मरीज रोजाना शंख बजाएं तो उन्‍हें बहुत लाभ होता है. 

- जिन लोगों को हड्डियों संबंधी समस्‍या हो उन्‍हें शंख में रखा हुआ पानी पीना चाहिए. इससे बहुत राहत मिलती है. इस पानी में कैल्श‍ियम, फास्फोरस और गंधक होता है जो हड्डियों को मजबूत करता है. 

- जिन घरों में वास्‍तु दोष हों, वहां रोजाना शंख बजाने से वास्‍तु दोष नष्‍ट होते हैं और घर में रहने वाले लोगों के सुख में वृद्धि होती है.  

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं, हम्म इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

हर रोज बजाएं शंख, सेहत को होते हैं ये कुछ चौकाने वाले फायदे -

ये तो हम सभी जानते हैं कि शंख बजाने से भगवान प्रसन्न होते हैं, मगर क्या आपको मालूम है कि यह आपकी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। शंख बजाने के अलावा इसमें रखा पानी पीने से बहुत सारी स्किन संबंधित परेशानियां दूर होती हैं। आइए जानते हैं शंख बजाने से होने वाले फायदो के बारे में... 
झुर्रियां दूर करें
अगर आप चेहरे पर झुर्रियों की समस्या से परेशान हैं तो शंख बजाने से आपको फायदा मिल सकता है। दरअसल शंंख बजाने से फेस की मसल्स स्ट्रेच होती हैं, जो फाइन लाइन्स गायब हो जाती हैं। 
तनाव
शंख बजाने से हमारा स्ट्रेस भी दूर हो जाता है। दरअसल इसे बजाने से हमारे दिमाग में खून का संचार अच्छे से होता है, जिससे हमारा दिमाग शांत रहता है। इसके अलावा यह स्ट्रेस लेवल कंट्रोल करने में भी मदद करता है।  
पेट में गैस की समस्या
शंख को बजाने का सीधा असर हमारी रेक्टल मसल्स पर पड़ता है। शंख बजाने से ये सिकुड़ती और फैलती हैं, जिससे शरीर के अंदरूनी अंगो की एक्सरसाइज हो जाती है। साथ ही आपको कभी गैस की समस्या नहीं होती। 

फेफड़ों के लिए फायदेमंद
शंख बजाने से फेफड़ों की भी एक्सरसाइज हो जाती है। यह फेफड़ों को स्वस्थ रखने में तो मदद करता ही है, इसके अलावा यह लोगों को सांस संबंधी समस्याओं को भी दूर करने में मदद करता है। 

हीरा, मणि पुष्पक और सुघोषमणि शंख के फायदे

शंख को समुद्रज, कंबु, सुनाद, पावनध्वनि, कंबु, कंबोज, अब्ज, त्रिरेख, जलज, अर्णोभव, महानाद, मुखर, दीर्घनाद, बहुनाद, हरिप्रिय, सुरचर, जलोद्भव, विष्णुप्रिय, धवल, स्त्रीविभूषण, पाञ्चजन्य, अर्णवभव आदि नामों से भी जाना जाता है। स्वस्थ काया के साथ माया देते हैं शंख। शंख दैवीय के साथ-साथ मायावी भी होते हैं। शंखों का हिन्दू धर्म में पवित्र स्थान है। घर या मंदिर में शंख कितने और कौन से रखें जाएं इसके बारे में शास्त्रों में स्पष्ट उल्लेख मिलता है। शिवलिंग और शालिग्राम की तरह शंख भी कई प्रकार के होते हैं सभी तरह के शंखों का महत्व और कार्य अलग-अलग होता है। समुद्र मंथन के समय देव- दानव संघर्ष के दौरान समुद्र से 14 अनमोल रत्नों की प्राप्ति हुई। जिनमें आठवें रत्न के रूप में शंखों का जन्म हुआ। आओ जानते हैं हीरामणि पुष्पक और सुघोषमणि शंख के फायदे। 

हीरा शंख: इसे पहाड़ी शंख भी कहा जाता है। यह दक्षिणावर्ती शंख की तरह खुलता है। यह पहाड़ों में पाया जाता है। इसकी खोल पर ऐसा पदार्थ लगा होता है, जो स्पार्कलिंग क्रिस्टल के समान होता है इसीलिए इसे हीरा शंख भी कहते हैं। यह बहुत ही बहूमुल्य माना गया है। इसका इस्तेमाल तांत्रिक लोग विशेष रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए करते हैं।

मणि पुष्पक और सुघोषमणि शंख: नकुल के पास सुघोष और सहदेव के पास मणि पुष्पक शंख था। मणि पुष्पक शंख की पूजा-अर्चना से यश कीर्ति, मान-सम्मान प्राप्त होता है। उच्च पद की प्राप्ति के लिए भी इसका पूजन उत्तम है।

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